भारत में एक ऐसा भी राज्य है जहां के लोगों को आयकर नहीं देना पड़ता। जी हां, हम बात कर रहे हैं ऐसे राज्य की जहां के व्यक्ति को इनकम टैक्स बिल्कुल भी नहीं देना पड़ता है वह फ्री में इसका लाभ ले सकता है यह भारत का एकमात्र राज्य है, जिसके निवासियों को केंद्र सरकार को इनकम टैक्स नहीं देना होता। इसके पीछे कानूनी और ऐतिहासिक दोनों वजहें हैं। यह छूट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371(F) और आयकर अधिनियम की धारा 10(26AAA) के अंतर्गत दी गई है।
आइये बात करते हैं कि वह कौन सा राज्य है जहां की व्यक्ति को टैक्स नहीं देना पड़ता है सबसे पहले तो हम आपको बता दे सिक्किम एक ऐसा राज्य है जहां के व्यक्ति को किसी प्रकार का केंद्र सरकार को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है सिक्किम साल 1975 तक एक स्वतंत्र रियासत था। उस समय वहां की अपनी कर प्रणाली थी। जब यह भारत में विलय हुआ, तो वहां के लोगों को कर में छूट देने का वादा किया गया ताकि उनकी पुरानी व्यवस्था बनी रह सके। इस छूट को 2008 में केंद्र सरकार ने आयकर अधिनियम, 1961 में धारा 10(26AAA) जोड़कर वैधानिक रूप से लागू किया। इस धारा के तहत सिर्फ ‘सिक्किमी’ माने जाने वाले लोगों को ही इनकम टैक्स से छूट मिलती है।
सिक्किमी कौन माने जाते हैं?- वे लोग जिनके नाम 26 अप्रैल 1975 से पहले Sikkim Subjects Register में दर्ज हैं, या जिनके पास सिक्किम सरकार द्वारा जारी Certificate of Identification (COI) है। इसके अलावा वे भी जो किसी ऐसे व्यक्ति की संतान हैं जिसका नाम इस रजिस्टर में था, उन्हें भी सिक्किमी माना जाता है।
हालांकि, 1975 से पहले सिक्किम में बसे भारतीय नागरिकों, जिन्हें ‘Old Settlers’ कहा जाता है, को इस छूट का लाभ नहीं मिलता था क्योंकि उनके नाम रजिस्टर में नहीं थे। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने 2023 में दिए फैसले में कहा कि इन लोगों को भी कर छूट का अधिकार मिलना चाहिए, और केंद्र सरकार को धारा 10(26AAA) में बदलाव करने का निर्देश दिया।
एक समय ऐसा भी था जब अगर कोई सिक्किमी महिला किसी गैर-सिक्किमी पुरुष से शादी करती थी, तो उसे इनकम टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे लैंगिक भेदभाव मानते हुए असंवैधानिक करार दिया। अब ऐसी महिलाओं को भी इस छूट का लाभ दिया जाता है।
कुछ और अहम बातें– सिक्किम के निवासी PAN कार्ड के बिना भी निवेश कर सकते हैं।, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होती, चाहे उनकी आय कितनी भी हो, यह छूट न सिर्फ सिक्किम के लोगों को आर्थिक रूप से राहत देती है, बल्कि राज्य के भीतर व्यापार और निवेश को भी बढ़ावा देती है। यह देश में एक अनोखा उदाहरण है, जहां एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि ने आर्थिक व्यवस्था को पूरी तरह प्रभावित किया है।