जमीन खरीद बिक्री के 117 साल पुराने नियम अब खत्म होने जा रहे हैं ऑनलाइन रजिस्ट्री के तहत यह नियम बदले जाएंगे वर्तमान में देश भर के अलग-अलग राज्यों में इसके लिए नियम भी अलग-अलग है क्योंकि राज्य सरकारों को इसमें संशोधन करने का अधिकार है हालांकि इसके लिए केंद्र सरकार की परामर्श जरूरी है आईए जानते हैं जमीन खरीद बिक्री के 117 साल पुराना कौन सा नियम खत्म हो रहा है और अब किस प्रकार से जमीन के खरीद बिक्री के रजिस्ट्रेशन होगा।
केंद्र सरकार की तरफ से संपत्ति के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने और दस्तावेजों के डिजिटल संरक्षण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण विधेयक वर्तमान में तैयार किया है यह प्रस्तावित कानून 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन अधिनियम की जगह लेगा यानी कि जो वर्तमान में अधिनियम चल रहा है वह आज से 117 साल पुराना अंग्रेजों के समय का है ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत भूमि संसाधन विभाग ने इस मसौदे को जनता की राय के लिए जारी किया है केंद्र सरकार की तरफ से एक व्यापक कानून लाने का निर्णय लिया गया है जो कि पूरे देश में समान रूप से लागू किया जा सके जिससे प्रत्येक राज्य में अलग-अलग नियम नहीं हो और पूरे देश में एक ही रजिस्ट्री का नियम लागू हो।
वर्तमान में रजिस्ट्रेशन अधिनियम 117 साल पुराना देश भर में लागू है लेकिन राज्य सरकार को इसमें संशोधन करने का अधिकार है जिससे प्रत्येक राज्य में इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अनुमति मिली है इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से परामर्श जरूरी है क्योंकि राज्य सरकार कोई भी संशोधन इस मामले में करती है तो वह केंद्र से परामर्श लेकर ही कर सकती है अन्यथा नहीं इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने एक व्यापक कानून लाने का निर्णय लिया है जो कि पूरे देश में समान रूप से लागू किया जा सके यहां पर विधायक के तहत अब एग्रीमेंट टू सेल, पावर ऑफ अटॉर्नी, सेल्फ सर्टिफिकेट और इक्विटेबल मॉग्रेज जैसे दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया जाएगा।
आधार आधारित सत्यापन जरूरी
सरकार ने आधार आधारित सत्यापन प्रणाली को भी प्रस्तावित किया है जिससे नागरिक की सहमति आवश्यक होगी जो लोग आधार नंबर शेयर नहीं करना चाहते हैं उनके लिए वैकल्पिक सत्यापन की व्यवस्था भी की जाएगी यह कदम उठाने के बाद में धोखाधड़ी और फजवाड़ा काम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है साथ ही सरकार इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र और रिकॉर्ड के डिजिटल रखरखाव की भी अनुमति देने जा रही है जिससे दस्तावेज की ई प्रस्तुति ओ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से संभव हो सकेगी।
भूमि संसाधन विभाग की तरफ से एक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि हाल के कई वर्षों में तकनीकी का बढ़ता उपयोग बदलते सामाजिक आर्थिक व्यवहार और पंजीकृत दस्तावेजों पर बढ़ती इंद्र प्रताप ने एक आधुनिक और भविष्य उन्मुख रजिस्ट्रेशन प्रणाली की वर्तमान आवश्यकता को रेखांकित किया है विभाग ने इस मसौदे पर आम जनता से राय मांगी है इसके बाद में यह कानून संसद में पेश किया जाएगा।